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Co-Curricular
अभिनय की उत्पत्ति मानव शरीर से ही हुई है l अभिनय मानव की आवश्यकता है मानव द्वारा चार प्रकार के क्रियाकलाप किए जाते हैं और इन चार प्रकार के क्रियाकलापों से ही चार प्रकार के अभिनय की उत्पत्ति हुई है यह है – आंगिक अभिनय , वाचिक अभिनय, सात्विक अभिनय और आहार्य अभिनय l आंगिक अभिनय शरीर के अंगों के संचालन एवं चेहरे के भावों के द्वारा किया जाता है l वाचिक अभिनय में कलाकार द्वारा संवाद बोला जाता हैlसात्विक अभिनय रस और भाव से परिपूर्ण होता हैl आहार्य अभिनय में वेशभूषा और रूप सज्जा का महत्व होता है l
अभिनय से बच्चों में सीखने की प्रक्रिया में तेजी आती है l बालकों को उचित गति, और हाव -भाव के साथ मौखिक अभिव्यक्ति का ज्ञान होता है l बालकों की कल्पना, तर्कशक्ति और अभिव्यक्ति क्षमता का विकास होता हैl संवाद सुनकर अन्य बच्चों में श्रवण कौशल का विकास होता हैl
अभिनय कौशल को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित अभ्यास सिखाए जाते हैं –
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